सर्वोच्च उपलब्धि
माया-कल्पित-जगत्-सोपान सर्वोच्च उपलब्धि वर्तमान प्रकरण में सर्वोच्च उपलब्धि सूर्य-देवता है । कर्म-उपासना की सर्वोच्च उपलब्धि हिरण्यगर्भ है । यह क्रमिक मुक्ति का पथ है । यह गुणात्मिका माया लोक का ही अंश भाग है । ज्ञान मायातीत है । मुक्ति मायातीत है । माया का विस्तार अति विस्तृत है । गुणों के माध्यम से माया की पकड अति सशक्त है । हिरण्यगर्भ-लोक की प्राप्ति के उपरान्त भी , पुण्य के क्षीण होने पर पुन: भू-लोक में जन्म होता है । इसलिये शास्त्र उपदेश सदैव श्रेय: पुरुषार्थ की ही अनुशंसा करते हैं । ....... क्रमश: