सूर्य सर्वस्य है
माया-कल्पित-जगत्-सोपान
सूर्य सर्वस्य है सूर्य प्राण का प्रतिनिधित्व करता है । सूर्योदय होने पर ही प्राण शक्ति
सर्व जीव में विकीर्त होती है । इस रूप में सूर्य ही सर्व जीव के प्राण शक्ति का
आधार है । यद्यपि कि एक भ्रान्ति धारणा लोकव्याप्त है कि जीव के प्राण का आधार
अन्न है । अन्न की उत्पत्ति ही सूर्य की प्रदत्त उर्जा के आश्रय पर है । इसरूप में
सूर्य ही सर्व जीव का आधार है । इसलिये सूर्य को सर्वात्मिकात्व कहा जाता है ।
..... क्रमश:
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें