ब्रम्हचर्य


माया-कल्पित-जगत्-सोपान
ब्रम्हचर्य ईन्द्रीय नियन्त्रण और ब्रम्हचारी ब्रत का पालन ब्रम्हचर्य है । तप साधना के लिये ब्रम्हचर्य अनिवार्य वाँक्षना है । उपासन, जो कि मानसिक कर्म है, तप की सात्विकता और ब्रम्हचर्य के सम्बल से ही सफल फलदायी स्थिति को प्राप्त होता है । उपलब्धि ब्रम्ह-लोक की प्राप्ति होती है । निष्चय ही यह इस माया-कल्पित-जगत् के लिये सर्वोच्च उपलब्धि है, परन्तु फिरभी अपरा विद्या है । उपरोक्त उपलब्धि से मुक्ति नहीं है । ..... क्रमश: 

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