उत्तरायणं
माया-कल्पित-जगत्-सोपान
उत्तरायणं
संवतसर के जिस भाग में सूर्य दक्षिण से उत्तर दिशा में गति करता है, उसे उत्तरायण कहा जाता है । इस गति का
प्रारम्भ मकर-संक्रान्ति से होता है । उपरोक्त कथित मकर-संक्रान्ति अंग्रेजी
कैलेन्डर के जनवरी माह के मध्य में प्राय: होती है । उपरोक्त अयन की अवधि छ: माह
होती है । उत्तरायण को पवित्र अयन माना जाता है । शुभ कर्मों और पुण्य-फलों का अयन
माना जाता है । इस अयन के अधिपति सूर्य-देवता होते हैं । ....... क्रमश:
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