प्राण: सर्वात्मक:


माया-कल्पित-जगत्-सोपान
प्राण: सर्वात्मक: सभी जीव का आश्रय प्राण है । आत्मा सर्वजीव के जीवत्व का आश्रय होता है । व्यवहारिक जीव का आश्रय प्राण होता है । ज्ञान का आश्रय आत्मा होती है । सूर्य सर्व जीव के प्राण-शक्ति का आश्रय है । सूर्य के उपरोक्त वर्णित सर्वभौम प्राण-पोषण सामर्थ्य को, शास्त्रों में उत्तम अभिव्यक्ति द्वारा निरूपित करने के उद्देष्य से, सर्वात्मक: शब्द का प्रयोग किया गया है । ...... क्रमश: 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

साधन-चतुष्टय-सम्पत्ति

चिदाभास

निषिद्ध-कर्म