शुक्ल गति


माया-कल्पित-जगत्-सोपान
शुक्ल गति सूक्ष्म-पथ जिससे होकर प्राण ब्रम्हलोक की यात्रा करता है, उसे शुक्ल-गति कहा जाता है । उपासना करने वाला, और कर्म-उपासना-समुच्चय करने वाला शुक्ल-गति द्वारा ब्रम्ह-लोक को प्राप्त होता है । ज्ञातव्य है कि ब्रम्ह-लोक ही माया-कल्पित-जगत् की सर्वोच्च स्थिति है । स्मरणीय है कि कर्म, उपासना, कर्म-उपासना-समुच्चय सर्व अपरा विद्या मात्र है । प्रलय काल में ब्रम्ह-लोक का भी लय होता है । इसलिये शुक्ल-गति भी मोक्ष नहीं है । ...... क्रमश:

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