सूर्य-सर्वात्मक


माया-कल्पित-जगत्-सोपान
सूर्य-सर्वात्मक सूर्य ही सर्व जीव का आधार है । जीव और जड दोनो का आधार है । सर्व का आधार होने के कारण ही सूर्य को सर्वात्मक कहा गया है । सभी जड-वस्तु और प्रत्येक-गति का आधार, सूर्य है । समस्त चर और अ-चर का आधार सूर्य है । स्मरणीय है कि सूर्य मिथुन सृष्टि के रयि-प्राण उत्पत्ति के संदर्भ में वर्णित प्राण है । प्राण हिरण्यगर्भ की अ-व्यक्त अभ्यक्ति है । इस रूप में हिरण्यगर्भ ही सर्वस्य का आधार है, जीवन आधार है, प्राण है । ...... क्रमश: 

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