दिवाकर:
माया-कल्पित-जगत्-सोपान
दिवाकर: सूर्य
उदय दिन का कारक है । सूर्य अस्त रात्रि का कारक है । तिथि, पक्ष, ऋतु, का कारक चन्द्र है । सूर्य, चन्द्र के कारकत्व द्वारा ही काल है । इसलिये काल-सृष्टि है । काल भी
हिरण्यगर्भ है । उपरोक्त वर्णित स्थिति को व्यक्त करने के लिये, सूर्य को दिन का स्वामी के रूप में, दिवाकर कहा गया है । ..... क्रमश:
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