साधनो का वर्गीकरण क्यों
शिक्षण-विधि-सोपान
साधनो का वर्गीकरण क्यों जैसा कि पूर्व के लेखों में बताया गया है, मस्तिष्क
माया-कल्पित अवयव है, और माया ने इसे लोक-व्यवहार के लिये
बनाया है, इतना ही नहीं माया ब्रम्ह को जीव के
ज्ञान-बोध से छिपाती है, इसलिये शास्त्र जीव-मनुष्य जो कि अहंकार
नामक अज्ञान से शासित है और वह मस्तिष्क जो मल, विक्षेप, अज्ञान का केन्द्र
है, उसे शाश्वत् आत्मज्ञान जो कि ज्ञान-स्वरूप है, को ग्राह्य कराने के लिये उपरोक्त कथित दोषों नामत: मल, विक्षेप, अज्ञान से उबारने के लिये साधनों का
तारतम्य बताते हैं । उपरोक्त कथित तारतम्य ही वर्गीकरण है । अज्ञान का तारतम्य
मल-विक्षेप-अज्ञान है । साधनों का तारतम्य परम्परा-वहिरंग-अन्तरंग-साक्षात् है ।
..... क्रमश:
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें