प्रमाण का विभाग
शिक्षण-विधि-सोपान
प्रमाण का विभाग श्रुतियाँ प्रमाण है । श्रुतियों के परम्परा शिक्षण उपदेश द्वारा व्यक्ति
के अज्ञान का क्षय होता है । अज्ञान का क्षय ही ज्ञान की प्राप्ति है । ज्ञान तो
व्यक्ति का स्वरूप है । व्यक्ति की आत्मा ज्ञान-स्वरूप है । केवल अज्ञान के
आच्छादन से व्यक्ति अपनी आत्म-स्वरूप से अनभिज्ञ होता है । इसलिये वह परिच्छिन्न
जीव है । अज्ञान का निवारण मात्र से वह अपने आत्म-स्वरूप जो कि ब्रम्ह-स्वरूप है, ज्ञान-स्वरूप है, आनन्द-स्वरूप है,
को प्राप्त हो जाता है । यह स्थिति पाने के लिये किसी कर्म की अपेक्षा नहीं होती
है । ...... क्रमश:
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