ब्रम्ह का बीज़त्व
शिक्षण-विधि-सोपान
ब्रम्ह का बीज़त्व ब्रम्ह पर इस जगत् वृक्ष का बीजत्व आरोपित भी किया जाता है और ब्रम्ह के
बीजत्व का निषेध भी किया जाता है । ब्रम्ह इस जगत् का ऐसा बीज है, जिससे बीज़ और वृक्ष की परम्परा ही समाप्त हो जाती है । सामने फैले हुये
जगत् वृक्ष को देखकर यह कहा जाता है, कि इस विश्व-वृक्ष का बीज़ ब्रम्ह है ।
परन्तु जब जगत् के जीव प्रपंचों के बीज़त्व का विचार किया जाता है, तो यह सिद्ध होता है कि ब्रम्ह तो साक्षी है वह बीज़ बन ही नहीं सकता है
वह निर्विकारी है । ऐसी स्थिति प्रशस्थ करती है, कि विश्व-वृक्ष ही
समाप्त हो जाता है, तो बीजत्व का प्रश्न ही नहीं रह जाता है
। ऐसी स्थिति प्रशस्थ करती है, कि जगत्-वृक्ष दीखता रहता है, परन्तु इसके प्रति मिथ्यात्व बुद्धि हो जाती है । ....... क्रमश:
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