प्रमाण का विभाग


शिक्षण-विधि-सोपान
प्रमाण का विभाग यह ज्ञान का विभाग है । यह चेतना के श्रोत चैतन्य को आधार बनाकर जीवन यापन है । चैतन्य आत्मा का स्वरूप है । आत्मा असंग-निराकार-निर्विकार है । यह ज्ञान का विभाग, शास्त्र के उपदेश से संचालित होता है । इस विभाग में द्वंद नहीं है । इस विभाग में संकल्प-विकल्प नहीं है । यह निष्ठा का विभाग है । इसमें श्रद्धा की प्रधानता है । शास्त्र के प्रति श्रद्धा, गुरू के प्रति श्रद्धा प्रधान अवयव हैं । यह मोक्ष पुरुषार्थ का विभाग है । ...... क्रमश:

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