देश क्या है काल क्या है


शिक्षण-विधि-सोपान
देश क्या है काल क्या है एक साथ दो स्थितियाँ हैं, उनके मध्य का भेद आकाश है । दो क्रमबद्ध स्थितियों के मध्य का भेद काल है । स्थितियाँ क्या हैं ? सर्व विभू: सत् ब्रम्ह को व्यक्त होने के लिये रूप की आवश्यकता होती है । सत् निराकार है । सर्व विभू: है अर्थात् सर्वत्र है । सत् की विभक्ति सम्भव नहीं है । उपरोक्त सत् जिन रूपों में व्यक्त होता है, वह रूप केवल सत् की अभिव्यक्ति का माध्यम हैं, माया कल्पित हैं, रूप सत् नहीं है, वह परिवर्तन के अधीन है । रूप की सत्ता, सत् के आश्रय से  उपरोक्त विवरण से स्पष्ट विदित है, कि देश और काल जिन्हे कि लोकव्यवहार में क्रमश: अखण्ड और व्यापक सत्ता कहा जाता है, वह देश और काल सत् ब्रम्ह को स्पर्ष भी नहीं कर सकते हैं । देश और काल की उत्पत्ति सत् में होती है । कब होती है ? जब हिरण्यगर्भ, जो कि सत् की छाया हैं, अर्थात् जब माया शक्ति क्रियाशील होती है, तो वह हिरण्यगर्भ को अनेक के रूप में विस्तृत कर देती है, यह नाम-रूप-जगत् अस्तित्वमान हो जाता है । ..... क्रमश:

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