क्रम-सृष्टि


माया-कल्पित-जगत्-सोपान
क्रम-सृष्टि माया-कल्पित-लोक की सृष्टि प्रक्रिया का जो विवरण प्रस्तुत किया गया है, यह क्रम सृष्टि है । आत्मा से आकाश की उत्पत्ति हुई, आकाश से वायु, वायु से अग्नि, अग्नि से जल, जल से पृथ्वी, पृथ्वी से औषधय:, औषधय: से अन्नं, अन्नं से प्रजा की उत्पत्ति हुई है । भोक्ता-भोज्य-जगत् माया का लोक है । भोक्ता मस्तिष्क-धारी जीव है । भोज्य वस्तु-रूप जगत् है । जीव में मस्तिष्क ही माया का उप-केन्द्र है । इसे ही अन्त:करण कहा गया है । जीव समस्त अनुभव इसी मस्तिष्क करण से ही अर्जित करता है । “करण” अर्थात् ज्ञान अर्जित करने का साधन है । इस मस्तिष्क अन्त:करण की, इन्द्रियाँ उप-करण हैं । ..... क्रमश:

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