औषधि अन्नं प्रजा ज्येष्ठ:
माया-कल्पित-जगत्-सोपान
औषधि अन्नं प्रजा ज्येष्ठ: शास्त्रों में औषधियों को अन्न का ज्येष्ठ बताया गया है । ज्येष्ठ का
अर्थ होता है कि औषधियाँ उस काल अवधि में भी अस्तित्वमान थी जब अन्न की उत्पत्ति
नहीं हुई थी । उपरोक्त कथित निरूपण उत्पत्ति क्रम को व्यक्त करने के उद्देष्य से
है । उपरोक्त निरूपण का उद्देष्य ज्येष्ठ की महिमा वर्णन का भी होता है । प्रजा की
उत्पत्ति अन्न से होती है । उपरोक्त वर्णित अनुसार प्रजा के मूल श्रोत औषधि-अन्न
हैं । ....... क्रमश:
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