अन्नं से अन्न-रस:


माया-कल्पित-जगत्-सोपान
अन्नं से अन्न-रस: अन्न द्वारा ही प्रजा का सृजन है । अन्न जब पुरुष शरीर में पाचन प्रक्रिया से गतिमान होता है, तो वह प्राण-शक्ति के पोषण के अतिरिक्त शुक्र की उत्पत्ति करता है । अन्न जब स्त्री शरीर में पाचन प्रक्रिया से गतिमान होता है तो वह प्राण-शक्ति का पोषण के अतिरिक्त शोणित का सृजन करता है । उपरोक्त कथित शुक्र और शोणित को ही शास्त्रों में अन्न रस कहा गया हैं । ...... क्रमश:

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

साधन-चतुष्टय-सम्पत्ति

चिदाभास

निषिद्ध-कर्म