अभिव्यक्ति सूक्ष्म से स्थूल


माया-कल्पित-जगत्-सोपान
अभिव्यक्ति सूक्ष्म से स्थूल शास्त्रों में जगत् की उत्पत्ति प्रक्रिया को, अ-व्यक्त का व्यक्त में पर्णय, के स्वरूप में व्यक्त किया गया है । ब्रम्ह सूक्ष्मतम् अनन्त तत्व है । उपरोक्त कथित अ-व्यक्त सूक्ष्मतम् ब्रम्ह, व्यक्त रूपधारी होने की प्रक्रिया में, सर्व-प्रथम आकाश जो कि व्यक्त का सूक्ष्मतम् है, के रूप में रूपधारी होता है । पुन: वायु जो कि आकाश के सापेक्ष स्थूल है, का रूपधारी होने का उपदेश है । पुन: अग्नि जो कि वायु के सापेक्ष स्थूल है के रूपधारी होने का शास्त्र उपदेश करते हैं । पुन: जल जो कि सापेक्षता के क्रम में अग्नि से स्थूल है, के रूपधारी होने का उपदेश है । अन्तिम पडाव के रूप में पृथ्वी जो कि स्थूलतम है रूपधारी होती है । ..... क्रमश:

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