माया-कल्पित-जगत् कर्म-फल-भोग-क्षेत्र


माया-कल्पित-जगत्-सोपान
माया-कल्पित-जगत् कर्म-फल-भोग-क्षेत्र शास्त्र उपदेश करते हैं कि, यह सम्पूर्ण जगत् जीवों के संचित कर्मफलों के भोग के लिये है । संचित पुण्य-फलों के भोग के लिये उच्च-लोक हैं । संचित पाप-फलों के भोग के लिये निम्न-लोक हैं । समिश्रित पुण्य-पाप-फलों के भोग के लिये यह अनुभवगम्य पृथ्वी-लोक है जिसमें मनुष्य योनि के प्राणी भी सम्मलित हैं । इस पृथ्वी-लोक में प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में कभी पुण्य-फलों का भोग करते हुये सम्पन्न परिस्थितियों का भोग करता है, और जीवन काल के अन्य-भाग में पाप-फलों का भोग करते हुये त्रासित जीवन का भोग करता है । ...... क्रमश:   

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