अज्ञान सहित ब्रम्ह
माया-कल्पित-जगत्-सोपान
अज्ञान सहित ब्रम्ह सुशुप्ति काल में मस्तिष्क लय की दशा में रहता है । लय काल में मस्तिष्क
ब्रम्ह में समाहित दशा में होता है । परन्तु मस्तिष्क को यह ज्ञान नहीं होता है कि
वह ब्रम्ह के साथ ऐक्यं की दशा में है । परन्तु उपरोक्त कथित अज्ञान के होते हुये
भी वह ब्रम्हानन्द का भोग करता है । ज्ञातव्य है कि सुशुप्ति काल में प्रत्येक
व्यक्ति द्वारा अनुभव किया जाने वाला आनन्द ब्रहानन्द होता है क्योंकि मस्तिष्क
विषयों से परे होता है । ...... क्रमश:
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