मस्तिष्क चिदाभास
माया-कल्पित-जगत्-सोपान
मस्तिष्क चिदाभास मस्तिष्क यद्यपि कि जड वस्तु है, परन्तु माया-शक्ति के विज्ञान के फल से, मस्तिष्क की रचनागत गुणवत्ता है कि चैतन्य सर्व विभू: आत्मा के वेध के
फल से, चिदाभास चैतन्य रूप में, चेतनवद् व्यवहार रत हो जाता है । मस्तिष्क का उपरोक्त कथित चिदाभास
चैतन्य, माया-कल्पित विज्ञान
के फल से, मस्तिष्क से
समस्त दस इन्द्रियों में भी संचरित होता है, जिसके फल से, समस्त
इन्द्रियां भी गति-युक्त होकर व्यवहार रत हो जाती हैं । ...... क्रमश:
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