समष्टि-कारण-विष्णु


माया-कल्पित-जगत्-सोपान
समष्टि-कारण-विष्णु समष्टि कारण अर्थात् सम्पूर्ण जगत् के समस्त जीव प्रपंचों के संकलित सम्पूर्ण संचित कर्म-फल, समाहित दशा में अर्थात् अ-व्यक्त-दशा में, समष्टि-कारण-देवता-विष्णु में अर्थात् माया सहित ब्रम्ह में विद्यमान रहते है । उपरोक्त वर्णित स्थिति जगत् के लय काल की क्षवि है । उपरोक्त विवरण में विषेस ज्ञातव्य है कि संकलित सम्पूर्ण संचित कर्म-फल की धारक माया शक्ति होती है । उपरोक्त कथित रूप में माया शक्ति जगत्-वृक्ष का बीज़ है । ..... क्रमश: 

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