प्राण अधिभूत पोषक


माया-कल्पित-जगत्-सोपान
प्राण अधिभूत पोषक व्यष्टि सदैव समष्टि से पोषित होता है । अधिभूत में पंच-प्राण की अभिव्यक्ति प्राण = आदित्य देवता, अपान = पृथ्वी-देवता, समान = अन्तराकाश:, अन्तरिक्ष, व्यान = वायु-देवता, उदान = अग्नि-देवता, तेज:, के रूप में शास्त्रो में बतायी गयी है । व्यष्टि की चक्छु सूर्य के प्रकाश के प्रसाद द्वारा ही कार्य करने में सक्षम होती है । अपान रूप में पृथ्वी-देवता सभी जीव को पृथ्वी के साथ सम्बद्ध रखती है । उदान के रूप में अग्नि-देवता अधिभूत को पोषित करती है । ..... क्रमश: 

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