सुशुप्ति का भोक्ता


माया-कल्पित-जगत्-सोपान
सुशुप्ति का भोक्ता सुशुप्ति काल में मस्तिष्क कारण अवस्था में होता है । ज्ञातव्य है कि मस्तिष्क की विषेस अवस्था लय की दशा में है । मस्तिष्क निर्विषेस दशा में है । यह दशा ही कारण दशा होती है । चैतन्य व्याप्त कारण-दशा का मस्तिष्क सुशुप्ति का भोक्ता होता है । यह आनन्द की दशा है । ज्ञातव्य है कि समस्त सांसारिक त्रास मस्तिष्क की विषेस दशा द्वारा होती है । ...... क्रमश:   

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