संकल्प मात्रेण


माया-कल्पित-जगत्-सोपान
संकल्प मात्रेण शास्त्रों में उपदेश किया गया है कि ईश्वर के संकल्प मात्र से इस सृष्टि की उत्पत्ति होती है । उपरोक्त कथन की पुष्टि में उपनिषदों में छाया का दृष्टान्त दिया गया है । जिस प्रकार छाया का सृजन मात्र शरीर की उपस्थिति मात्र से होती है, उसी प्रकार इस जगत् की उत्पत्ति ईश्वर के संकल्प मात्र से होती है । उपरोक्त दृष्टान्त में चूँकि छाया अस्तित्व आश्रित है, इससे निष्कर्श आहरित होता है कि जगत् का अस्तित्व भी आश्रित है । ..... क्रमश:  

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