क्रम-मुक्ति
माया-कल्पित-जगत्-सोपान
क्रम-मुक्ति ब्रम्ह-लोक को प्राप्त हुआ जीव स्वयं ही अति पुण्यवान है । ब्रम्ह-लोक
में प्रवास काल में उसे ब्रम्हाजी द्वारा आत्मज्ञान की शिक्षा मिलती है । उपरोक्त
के फल से उसे ज्ञान की दशा प्राप्त होती है । ज्ञान द्वारा मोक्ष होता है । इस
प्रकार उपरोक्त वर्णित विवरण अनुसार जीव पहले चरण में कर्म-उपासना-समुच्चय द्वारा
ब्रम्ह-लोक को प्राप्त होता है । पुन: ब्रम्ह-लोक में ब्रम्हाजी द्वारा शिक्षा के
फल से वह मुक्त-दशा को प्राप्त होता है । उपरोक्त उपलब्धि को क्रमिक मुक्ति कहा
जाता है । ....... क्रमश:
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