ऊर्जा सापेक्ष अस्तित्व


माया-कल्पित-जगत्-सोपान
ऊर्जा सापेक्ष अस्तित्व ऊर्जा का ह्रास, वृद्धि, स्वरूप-अन्तरण सभी कुछ सम्भव होता है । इसलिये सविकार है । इसलिये सापेक्ष है । माया क्षेत्र है । पृथ्वी सभी को आश्रय देती है । परन्तु स्वयं उत्पत्ति होने के कारण आश्रित है । समस्त माया-कल्पित-जगत् कार्य-कारण का क्षेत्र है । जबकि आत्मा कार्य-कारण-विलक्षण है । ..... क्रमश:  

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