भक्ति
पद-परिचय-सोपान
भक्ति किसी
उच्च सिद्धान्त के प्रति श्रद्धा-पूर्ण प्रेम को भक्ति कहा जाता है । उच्च सिद्धान्त के रूप में सामान्यत: ईश्वर को ग्रहण किया जाता है ।
प्रेम का समर्पण किसके प्रति सम्भव हो सकता है ? उत्तर, 1- प्रेम किसी संकल्पित लक्ष्य के प्रति, 2- प्रेम संकल्पित
लक्ष्य की प्राप्ति के साधन के प्रति, 3- प्रेम स्वयं अपने प्रति, ही सम्भव होता है, ऐसा निर्धारण शास्त्र करते हैं । उपरोक्त
वर्गीकरण के आधार पर प्रेम के तीन स्तर नामत: मन्द प्रेम, मध्यम् प्रेम , उत्तम प्रेम निर्धारित किये जाते हैं । स्वयं के प्रति प्रेम उत्तम-प्रेम, संकल्पित लक्ष्य के प्रति प्रेम मध्यम-प्रेम और लक्ष्य के साधन के प्रति
प्रेम मंद-प्रेम, कहा जाता है ।..... क्रमश:
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