साधना


पद-परिचय-सोपान
साधना पुरुषार्थ द्वारा लक्ष्य प्राप्ति को साधना कहा जाता है । साधना के लक्ष्य को साध्यम् कहा जाता है । साधना करने वाले व्यक्ति को साधक कहा जाता है । साधना के लक्ष्य की प्राप्ति की स्थिति को सिद्ध कहा जाता है । साधक और साध्यम् की युति को योग कहा जाता है । पुरुषार्थ चार नामत: धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष होते हैं । धर्म-अर्थ-काम-पुरुषर्थ अर्थात् प्रेय:, अज्ञान के आच्छादन द्वारा सम्भव होते हैं । मोक्ष-पुरुषार्थ अर्थात् श्रेय: ही योग्य साधना होती है । ..... क्रमश:    

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