तीन धर्म का विनय

पद-परिचय-सोपान
तीन धर्म का विनय आत्म-ज्ञान का जिज्ञासु ईश्वर से तीन मानसिक धर्म की याचना करता है । एक, हे ईश्वर मुझे इस जगत् की जो अ-परिवर्तनीय स्थितियाँ हैं, उन्हे यथा स्वरूप स्वीकार करने की मानसिक क्षमता प्रदान करें प्रभूजी । दो, इस जगत् में जो कुछ परिवर्तित होने योग्य स्थितियाँ है, उन्हे परिवर्तित करने का साहस दो प्रभूजी । तीन, इस जगत् में क्या अपरिवर्तनीय स्थितियाँ हैं, और क्या परिवर्तनीय स्थितियाँ है, इनका भेद जानने का विवेक दें प्रभूजी । ...... क्रमश

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