हितम्-लक्षित-वाक्


पद-परिचय-सोपान
हितम्-लक्षित-वाक् सदैव अगले श्रोता व्यक्ति के हित का विचार, आप वक्ता, अपने मस्तिष्क में करें, ऐसा उपदेश आदेश है ! उपरोक्त कथित उपदेश का फल होगा कि आप वक्ता सदैव अगले श्रोता का हित ही भाषित करेंगे ! आपके बोले वचन निश्चयात्मक अगले व्यक्ति को प्रिय अनुभूति संचरित करने वाले हैं ! सदैव सद्भाव सम्भावना है । सदैव समन्वय है ! सदैव शान्ति है । अनुशासन है ! अभ्यास अपेक्षित है ! ..... क्रमश:  

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

साधन-चतुष्टय-सम्पत्ति

चिदाभास

निषिद्ध-कर्म