स्मृति-ग्रन्थ
पद-परिचय-सोपान
स्मृति-ग्रन्थ स्मृति-ग्रन्थों में भी विषय अपौरुषेय वेद-ग्रन्थ से ही है, परन्तु इनका संकलन पौरुषेय है । इन ग्रन्थों में भी विषयों के वर्गीकरण
को आधार बनाया गया है और उनकी व्याख्या विस्तार को, सूत्र-ग्रन्थों की
अपेक्षा अधिक विस्तार से श्लोकों के रूप में प्रस्तुत किया गया है । व्याख्या उन
वेद अंशो की लक्ष्य की गई है जिन अंशो में उपदेश परस्पर विरोधिता प्रदर्शित करने
वाले पाये गये थे । इनका उच्चारण भी गायन रूप में किया जाता है । इनमें गायन सुरों
का प्रयोग किया जाता है । मनु-स्मृति, पारशर-स्मृति आदि विख्यात स्मृति ग्रन्थ
हैं । भगवद्गीता भी स्मृति-ग्रन्थ है । ...... क्रमश:
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