शाश्वत् चैतन्य आत्मा
पद-परिचय-सोपान
शाश्वत् चैतन्य आत्मा चैतन्य अपने शाश्वत्
स्वरूप में आत्मा है । चैतन्य जैसा कि मस्तिष्क की क्रिया में विख्यात है, अहंकार है
। शाश्वत् स्वरूप असंग है । अपरिमित है । अद्वयम् है । ज्ञान-स्वरूप है ।
आनन्दस्वरूप है । पारमार्थिक सत्य है । ..... क्रमश:
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