दस-निर्देश
पद-परिचय-सोपान
दस-निर्देश
ज्ञान-जिज्ञासु के लिये वेद के दस-निर्देश, (1) हिंसा-वर्जनम् तीनो विधि भौतिक, मानसिक एवं वाक् द्वारा हिंसा का निषेध (2) असत्य-वर्जनम् असत्य-वादन का
निषेध (3) अस्तेयम् वर्जनम् अनधिकृत स्वामित्व का निषेध (4) मैथुन-वर्जनम्
अनुपयुक्त लैंगिक सम्बन्ध का निषेध (5) परिग्रह-वर्जनम् अप-संचय का निषेध ।
उपरोक्त वर्णित पाँच निषेध-निर्देशों को एक शब्द यम: द्वारा व्यक्त किया जाता है ।
(1) शौचम् पवित्रता (2) सन्तोष: जो भी ईश्वर प्रदान करे उसमें सन्तुष्ट रहना (3)
तप: आत्म-ज्ञान की प्राप्ति के लिये स्वेच्छा द्वारा अपनी आवश्यक-वाँक्षनाओं का
त्याग (4) स्वाध्याय: आत्म-ज्ञान के लिये शास्त्रो का अध्ययन (5) ईश्वर प्रणिधानम्
अपने को ईश्वर को अर्पित करना । उपरोक्त वर्णित उत्तरार्ध के पांच सकारत्मक आदेशो
को एक शब्द नियम: द्वारा व्यक्त किया जाता है । ..... क्रमश:
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें