आत्मा-ब्रम्ह-ऐक्यं
पद-परिचय-सोपान
आत्मा-ब्रम्ह-ऐक्यं वेद उपदेश स्पष्ट निर्देश करते हैं कि आत्मा और ब्रम्ह एक ही तत्व के दो
नाम हैं । व्यष्टि जीव के विचार में आत्मा कहा जाता है । समष्टि विचार में ब्रम्ह
कहा जाता है । उपरोक्त कथित दो नाम लोकव्यवहार है परन्तु संदर्भित तत्व एक है । ब्रम्ह
चैतन्य-स्वरूप है, ज्ञान-स्वरूप है । लोकव्यवहार जडता-माया
क्षेत्र है । परन्तु अद्भुद माया-शक्ति ने जडता और चैतन्य को इतना समिश्रित कर
दिया है कि अहंकार-पोषित जीव जडता-माया क्षेत्र में इतना उलझ गया है कि वह अपने
चैतन्य-स्वरूप अपनी आत्म-स्वरूप से पूर्ण अज्ञान की दशा में जीवन यापन कर रहा है ।
..... क्रमश:
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