पंच-कर्म-इन्द्रियाँ
पद-परिचय-सोपान
पंच-कर्म-इन्द्रियाँ त्रिगुणात्मक-माया-कल्पित-जगत् का क्रिया अवयव जीव की कर्मेंन्द्रियाँ
पंच-महाभूतों के रज़स्-गुण से निर्मित हैं, प्रत्येक एक ज्ञानेन्द्रि एक एक विलक्षण पंच-महाभूत के रज़स्-गुण से
निर्मित हैं । जीव की प्राण-शक्ति समस्त पांच-पंच-महाभूतो के रज़स्-गुण से निर्मित
है, इसलिये प्राण-शक्ति प्रत्येक पांच
कर्मेन्द्रि को ऊर्जा पोषित करती है । ..... क्रमश:
यहां पर कर्म ईन्द्री रजस गुण से निर्मित है, ऐसा नहीं होना चाहिए करता? कृपया समझाने की कृपा करेंगे 🙏
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