पंच-ज्ञान-इन्द्रियाँ
पद-परिचय-सोपान
पंच-ज्ञान-इन्द्रियाँ त्रिगुणात्मक-माया-कल्पित-जगत् का चेतन अवयव जीव की ज्ञानेन्द्रियाँ
पंच-महाभूतों के सत्व-गुण से निर्मित हैं, इसलिये जीव के ज्ञान-प्रमाण हैं । प्रत्येक एक ज्ञानेन्द्रि एक एक
विलक्षण पंच-महाभूत के सत्व-गुण से निर्मित हैं, यथा चक्षु अग्नि से, घ्राण पृथ्वी से, श्रवण आकाश से, स्पर्ष वायु से, स्वाद जल से हैं ।
मस्तिष्क समस्त पंच-महाभूतो के सत्व-गुण से निर्मित है, इसलिये ही यह समस्त पाँच ज्ञानेन्द्रियों के साथ व्यवहार करता है, जबकि प्रत्येक पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ परस्पर एक दूसरे से व्यवहार में
सक्षम नहीं होती हैं । ..... क्रमश:
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें