सर्व-व्याप्त-ब्रम्ह
पद-परिचय-सोपान
सर्व-व्याप्त-ब्रम्ह शास्त्रों में आत्मा की परिभाषा करते हुये कहा गया, आप्नोति सर्वम् इति आत्मा, जो सर्वत्र
व्याप्त है वह आत्मा है । आत्मा और ब्रम्ह दोनो एक ही तत्व के दो नाम हैं । एक जीव
के विचार में आत्मा कहा जाता है । समष्टि के विचार में ब्रम्ह कहा जाता है । आत्मा
सर्व-विभू: है । आत्मा की व्याप्ति के फल से ही जीवत्व और सत्वत्व सम्भव होता है ।
आत्मा अनन्त है । आत्मा असीमित है । ..... क्रमश:
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