मनोनिग्रह


पद-परिचय-सोपान 
मनोनिग्रह मस्तिष्क का नियन्त्रण मनोनिग्रह कहा जाता है । नियन्त्रण में दो भाग सम्मलित है । पहला सम्भावित विक्षेपों को अंकुश करना है, दूसरा अपेक्षित क्रियान्वन के लिये मस्तिष्क के प्रत्येक प्रभाग को अनुशासित समन्वय के साथ सन्चालित करना है । विशेष ज्ञेय है कि मस्तिष्क का अपेक्षित नियन्त्रण, मस्तिष्क के माध्यम् द्वारा, मस्तिष्क की शक्ति के अवलम्ब से, मस्तिष्क की विवेक क्षमता द्वारा, मस्तिष्क के लिये ही सम्भव करना है । यह अत्यन्त सूक्ष्म और संवेदनशील प्रकरण है । आत्म-ज्ञान की जिज्ञासा के प्रसंग में अत्यधिक अपेक्षित वांक्षना है । प्रत्येक परिस्थिति में, शान्त मस्तिष्क ही अपेक्षित लक्ष्य है । ..... क्रमश:   

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