माया-कारण-पदार्थ

पद-परिचय-सोपान
माया-कारण-पदार्थ जब भी उत्पत्ति और लय का विचार किया जाता है, सदैव माया ही उत्पत्ति और लय का कारण-पदार्थ है । चिर-कालिक सत्य केवल ब्रम्ह है । उपरोक्त कथित चिर-कालिक-सत्य-ब्रम्ह ही माया-शक्ति की महिमा द्वारा व्यक्त-जगत् के रूप में भासित हो रहा है । जगत् जो कि लोक-व्यवहार के लिये उपलब्ध है । परन्तु अनुभवगम्य होते हुये भी, जगत् कोई सत्य अस्तित्व नहीं है । यह केवल माया-शक्ति द्वारा प्रक्षेपित, एक अनुभवगम्य भ्रान्ति मात्र है । उपरोक्त समस्त शास्त्र उपदेशित सत्य ज्ञान किसी भी व्यक्ति के लिये अति गूढ पहेली है । परन्तु व्यक्ति को आत्म-ज्ञान की दशा में उपरोक्त वर्णित समस्त ज्ञान उल्लेख एक सत्य अभिव्यक्ति है । ...... क्रमश:

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