स्थूल-सूक्ष्म


पद-परिचय-सोपान                       
स्थूल-सूक्ष्म स्थूल और सूक्ष्म आकार के परिमाप हैं । व्यक्ति के प्रकरण में स्थूल उसकी काया है । सूक्ष्म उसके मस्तिष्क में गति करने वाले विचार हैं । सूक्ष्म पहले सृजित होता है । स्थूल का सृजन सूक्ष्म के बाद होता है । व्यक्ति के मस्तिष्क में विचार पहले सृजित होते हैं, जो कि कालान्तर से कर्म में पर्णित होते हैं । किसी भी कार्य को करने की योजना पहले बनती है । कर्म सम्पादन बाद में आता है । कार्य की योजना मस्तिष्क की सूक्ष्म-वृत्तियाँ हैं । कर्म सम्पादन स्थूल शरीर करती है । समष्टि के विचार में सूक्ष्म पंच-महाभूतो की उत्पत्ति पहले हुई है । स्थूल-पंचमहाभूत सूक्ष्म-पंचमहाभूतो के पंचीकरण द्वारा सृजित हुये हैं ........ क्रमश:

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