ॐ
पद-परिचय-सोपान
ॐ यह ध्वनि उच्चारण है । अति व्यापक को व्यक्त करने का
सूक्ष्म प्रतीक चिन्ह है । उपरोक्त ध्वनि उच्चारण, तीन-व्यक्त और एक-अव्यक्त ध्वनि के योग से सृजित होता है । तीन-व्यक्त
ध्वनियाँ अ उ म् होती हैं । चौथी अव्यक्त-ध्वनि मौन
होती है । उपरोक्त ध्वनि उच्चारण की व्यापकता समस्त व्यक्त-जगत् को आवृत्त करती है
और साथ ही सम्पूर्ण अव्यक्त को भी आवृत्त करती है । व्यक्त-जगत् साकार-ब्रम्ह का
प्रतिनिधित्व करता है । अव्यक्त-निराकार-ब्रम्ह का प्रतिनिधित्व करता है । उपरोक्त
ध्वनि-उच्चारण की व्यापकता चारो वेदों के शिक्षण को आवृत्त करती है । नाम-रूप-जगत्
व्यक्त-साकार-ब्रम्ह है । अ-व्यक्त माया है । ........ क्रमश
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