बुद्धि
पद-परिचय-सोपान
बुद्धि
ज्ञान जिज्ञासु के लिये सर्वोच्च प्राथमिकता का प्रभाग है । विवेक अर्थात्
उचित-अनुचित की स्पष्ट क्षवि, ग्राह्य-त्याज्य का स्पष्ट रेखांकन है । व्यक्ति
जब तक निश्चय-अनिश्चय की स्थिति में है, वह मन के क्षेत्र
में है । उपरोक्त के विपरीत जब वह व्यक्ति निश्चयात्मक निर्णय की स्थिति में हो
जाता है, वह बुद्धि के क्षेत्र में है । यह दृढ
निश्चय का प्रभाग है । व्यक्ति जब निश्चयात्मक कहे कि मुझे ज्ञान ही चाहिये, मुझे अज्ञान नहीं चाहिये है । प्रकाश और अंधकार एक दूसरे के विपरीत
स्वभाव के हैं । इनमें से, एक स्थल पर, एक समय में, एक ही रहता है । वही स्थिति ज्ञान और
अज्ञान की है । एक ही मस्तिष्क दोनो को पोषित नहीं कर सकता है । यह बुद्धि प्रभाग
का संक्षिप्त परिचय है ....... क्रमश:
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