मस्तिष्क


पद-परिचय-सोपान    
मस्तिष्क जैसा कि व्यवहारिक जगत् का जीव यह व्यवहारिक व्यक्ति व्यवहार करता है, उसके व्यवहार के आधार पर मस्तिष्क का विश्लेषण करने पर, मस्तिष्क को चार भागो में विभक्त किया जाता है । पहला मन है । यह मनोवेगों का प्रवर्तक खण्ड है । दूसरा बुद्धि है । यह उचित-अनुचित के विवेक का खण्ड है । तीसरा चित्त है । यह स्मृतियों के संचय का खण्ड है । चौथा अहंकार है । यह भ्रान्ति को पोषित करने का खण्ड है । उपरोक्त कथित मस्तिष्क के चार प्रभागों का साधारण विस्तार आगामी चार अंको में, प्रत्येक अंक में एक-एक प्रभाग का परिचय .......क्रमश:


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