व्यक्त-अव्यक्त-दशायें
पद-परिचय-सोपान
व्यक्त-अव्यक्त-दशायें बीज़ में वृक्ष
अव्यक्त दशा में विद्यमान रहता है । व्यक्त वृक्ष में, भविष्य में
व्यक्त-दशा ग्रहण करने वाले वृक्ष, अव्यक्त-दशा में बीज़ के रूप में पर्णित होते
हैं । कारण-बीज़ कार्य-वृक्ष के रूप में, व्यक्त रूप धारण करता है । कारण-स्वर्ण से कार्य-स्वर्ण-आभूषण, व्यक्त दशा धारण
करते हैं । प्रत्येक स्वर्ण-आभूषण-कार्य को तपा देने पर कार्य-स्वर्ण-आभूषण
कारण-स्वर्ण में लय कर जाता है । उपरोक्त वर्णित लय दशा में भी कार्य-स्वर्ण-आभूषण
अव्यक्त-दशा में कारण-स्वर्ण में विद्यमान रहता है । उपरोक्त वर्णित अव्यक्त-दशा
से व्यक्त-दशा को धारण और व्यक्त-दशा का अव्यक्त-दशा में लय, यह दोनो परिवर्तन, एक चक्रीय व्यवस्था
हैं, जो कि, माया-कल्पित हैं
...... क्रमश:
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