पंची-करण


पद-परिचय-सोपान
पंची-करण सृष्टि की उत्पत्ति प्रक्रिया में, हिरण्यगर्भ द्वारा पहले सूक्ष्म-पंच-महाभूतो की उत्पत्ति की गई है । इन सूक्ष्म-पंच-महाभूतों से सूक्ष्म-शरीर और सूक्ष्म-प्रपंचों की उत्पत्ती की गई है । पुन: स्थूल-शरीरों और स्थूल-प्रपंचों की उत्पत्ति करने हेतु हिरण्यगर्भ ने पहले स्थूल-पंच-महाभूतों को सूक्ष्म-पंच-महाभूतों के पंचीकरण द्वारा सृजित किया है । पंचीकरण इस प्रकार है । स्थूल-आकाश – इसके सृजन में आधा भाग सूक्ष्म-आकाश + एक-बटा-चार-भाग सूक्ष्म-वायु, + एक-बटा-चार-भाग सूक्ष्म-अग्नि + एक-बटा-चार-भाग सूक्ष्म-आपा और + एक-बटा-चार-भाग सूक्ष्म-पृथ्वी को मिलाने से स्थूल-आकाश सृजित हुआ है । उपरोक्त अनुपात में ही शेष चारो भी सृजित हुये हैं । उपरोक्त वर्णित अनुपात सूक्ष्म-पंच-महाभूतो को आधार मानने पर है । यदि स्थूल-पंच-महाभूतो को आधार माना जाय तो अनुपात इस प्रकार होगा, स्थूल-आकाश = आधा-भाग सूक्ष्म-आकाशा + एक-बटा-आठ-भाग सूक्ष्म-वायु + एक-बटा-आठ-भाग सूक्ष्म-अग्नि + एक-बटा-आठ-भाग सूक्ष्म आपा + एक-बटा-आठ-भाग सूक्ष्म पृथ्वी । उपरोक्त अनुपात में ही शेष चारो भी सृजित हुये हैं । ..... क्रमश:      

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