पद-पदार्थ


पद-परिचय-सोपान  
पद-पदार्थ नाम-रूप की जोडी है । घट नाम है । यह पद है । घट-रूप-वृत्ति रूप है । घट-रूप-वृत्ति रूप घट पद का पदार्थ है । पट नाम है । यह पद है । पट-रूप-वृत्ति रूप है । पट-रूप-वृत्ति रूप पट पद का पदार्थ है । किसी शिशु का जन्म होता है, उसका नाम-करण किया जाता है । शिशु का नाम उस नव-जन्में-शिशु की रूप-वृत्ति-रूप का पद है । उपरोक्त किये गये नाम-करण पद का वह नव-जन्मा-शिशु पदार्थ है । यह लोक-व्यवहार का प्रचलित स्वरूप है । प्रत्येक रूप को एक विलक्षण नाम के साथ सम्बद्ध करना लोकव्यवहार है । वस्तु नाम पद होता है । वस्तु रूप उस पद का पदार्थ होता है । इस स्थल पर विशेष उल्लेखनीय है कि व्यक्ति के पास पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ हैं । उपरोक्त वर्णित उदाहरणों में रूप, जो कि चक्षु इन्द्री का ज्ञेय क्षेत्र है, के लिये व्यक्त किया गया है । परन्तु निवेदन है कि उपरोक्त उदाहरण को प्रत्येक पाँच ज्ञानेन्द्रियों के लिये जिज्ञासु पाठक स्वयँ विस्तार करे, यथा खट्टा नाम है । पद है । खट्टा-स्वाद-वृत्ति खट्टा पद का पदार्थ है ....... क्रमश:

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