शास्त्र


पद-परिचय-सोपान
शास्त्र संस्कृत शब्द शास्त्र दो शब्दों, “शास्” तथा “स्त्र” की युति है । संस्कृत शब्द “शास्” के अनेक अर्थो में से एक अर्थ आदेश दूसरा अर्थ शिक्षण अथवा उपदेश होता है । संस्कृत शब्द “स्त्र” का अर्थ रक्षा करना होता है । उपरोक्त दोनो अर्थों को मिलाने से शास्त्र का अर्थ है, आदेश जो रक्षा करते हैं, उपदेश जो रक्षा करते हैं । किसकी रक्षा करते है ? व्यक्ति के पुरुषार्थ की रक्षा करते हैं । संस्कृत ग्रन्थ जिन्हे शास्त्र कहा जाता है, उनका छ: भागो में नामत: वेद, सूत्र, स्मृति, पुराण, इतिहास, भाष्य विभाजन किया जाता है । उपरोक्त कथित प्रत्येक छ: ग्रन्थ व्यक्ति के पुरुषार्थ की, प्रारम्भिक अवस्था में आदेशों द्वारा और विकसित अवस्था में उपदेश द्वारा शिक्षण द्वारा रक्षा करते हैं । उपरोक्त कथित प्रत्येक छ: शास्त्रों का परिचयात्मक उल्लेख आगे के छ: अंको में किया जाना है । ..... क्रमश: 

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